
Om Banna Story : ओम बन्ना, बुलेट बाबा, राठोड बन्ना, चोटिला राजा |
ओम बन्ना (Om Banna) कौन थे जीवन परिचय (जीवनी)
ओम बन्ना (Om Banna) उर्फ ओम सिंह राठोड़, ओम बन्ना का जन्म विक्रम सम्वत २०२१ में वैशाख सुदी की चांदनी अष्ठमी को राजस्थान के चोटिला गाँव मे हुआ था | जो की राजस्थान मे जोधपुर – अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर पाली जिले के नजदीक स्थित है | ओम बन्ना के पिताजी का नाम जोग सिंह जी राठोड था | जो की चोटिला गाँव के सरपंच थे | ओम बन्ना को मोटर साइकल चलाने का बहुत शौक था | ओम बन्ना जरूरतमंदो की मदद करने वाले इंसान थे | आज पूरा विश्व ओम बन्ना को ओम बन्ना, राठोड बन्ना, बुलेट बाबा, चोटिला राजा आदि नामो से जनता है |
ओम बन्ना कैसे ओम सिंह से श्री ओम बन्ना सा बने
जैसा की आप सब को पता है ओम बन्ना (Om Banna) पहले ओम सिंह राठोड़ के नाम से जाने जाते थे | अपने ससुराल से घर जाते वक़्त बीच मे उनकी मोटरसाइकल दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी | जिसमे उनकी मृत्यु हो गयी थी | परंतु मृत्यु के बाद भी उनके तथा उनकी मोटरसाइकल के चमत्कार की वजह से लोगो के बीच ओम बन्ना के लिए श्रद्धा बढती गयी | चूंकि राजपूत युवा लड़को को सम्मान के लिए बन्ना बोला जाता है | इसलिए ओम सिंह राठोड़ को भी उनके चमत्कार की वजह से ओम बन्ना के नाम से जाना जाने लगा |
ओम बन्ना (Om Banna Story) की पूरी वास्तविक कहानी
ओम बन्ना उर्फ ओम सिंह राठोड (Om Singh Rathod) जैसे की हमने उपर बताया ओम बन्ना को मोटर साइकल चलाने का शौक था | 2 दिसम्बर 1988 की एक शाम जब ओम बनना अपनी मोटरसाइकल लेकर अपने ससुराल से जब घर जा रहे थे | तो पाली से 20KM दूर आकर एक जाल के पेड़ से टकराकर उनकी मोटरसाइकल दुर्घटनाग्रस्त हो गई | टक्कर इतनी भीषण थी की उसी जगह पर ओम बन्ना की मृत्यु हो गई |
जब दुर्घटनाग्रस्त मोटरसाइकल को पुलिस ने ले जाकर थाने मे रखा तो मोटरसाइकल दूसरे दिन पुनः उसी स्थान पर मिली जहा दुर्घटना हुई थी | पुनः पुलिस ने मोटरसाइकल को थाने मे लाकर रखा तथा इस बार मोटरसाइकल को लोक करके रखा | लेकिन पुनः मोटरसाइकल दुर्घटनाग्रस्त स्थान पर पायी गयी | ये घटना गाँव के लोगो मे चर्चा का विषय बन गयी |
फिर एक रात ओम बन्ना के दादीसा को सपना आया | जिसमे ओम बन्ना (Ohm Banna) ने सपने मे आकर उस मोटरसाइकल को उसी जगह जहा दुर्घटना हुई थी वह रखने को कहा | मृत आत्मा की यही इच्छा मानकर उस मोटरसाइकल को उसी जगह रख दिया गया जहा दुर्घटना हुई थी | फिर इस चमत्कार की चर्चाए चारो तरफ फेलने लगी |
उसके बाद उस स्थान पर एक मंदिर का निर्माण कराया गया | और धीरे धीरे यहा स्थान लोगो के बीच श्रद्धा का विषय बन गया | इस तरह ओम बन्ना के चमत्कार की प्रसिद्धि विश्व मे फेलती गयी |
ओम बन्ना का एक्सिडेंट कैसे हुआ
जैसे की ऊपर बताया गया की 2 दिसम्बर 1988 को जब ओम बन्ना (Om Banna) अपने ससुराल से लौट रहे थे तो उनकी मोटरसाइकल एक जाल के पेड़ से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी | टक्कर भीषण होने के कारण उसी समय उनकी मृत्यु हो गयी थी |
ओम बन्ना की मृत्यु कब हुई
ओम बन्ना की मृत्यु 2 दिसम्बर 1988 को हुई थी | उनकी मोटरसाइकल एक जाल के पेड़ से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी |
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ओम बन्ना (Om Banna) के चमत्कार
मोटरसाइकल से चमत्कार के बाद स्थानीय लोगो को अक्सर ओम बन्ना (Om Banna) उस जगह पर दिखाई देने लगे | वे लोगो को होने वाली दुर्घटना का आभास पहले से ही कराने लगे या उनके वाहन को धीरे करने लगे | जिससे लोग दुर्घटना से बच सके |
इस तरह लोगो के बीच उनकी श्रद्धा बढने लगी | राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुजरने वाला हर एक वाहन इस मंदिर पर रुककर ओम बन्ना को नमन करके आगे बढते है | दूर दूर से लोग यहा आकर अपनी श्रद्धा प्रकट करते है | जिससे हर समय इस मंदिर पर भक्तो की भीड़ लगी रहती है | लोग इनकी मोटरसाइकल से मन्नते मांगते है |
ओम बन्ना (Om Banna) वास्तविक फोटो
ओम बन्ना की वास्तविक फोटो नीचे दी गयी है |
ओम बन्ना के बुलेट का नंबर
जैसे की हमने पहले ही बताया ओम बन्ना को मोटरसाइकल चलाने का बहुत शौक था | Om banna ke bullet ka number RNJ 7773 hai.
ओम बन्ना क्या काम करते थे
जब ओम बन्ना की मोटरसाइकल दुर्घटनाग्रस्त हुई थी | तब ओम बन्ना की आयु केवल 24-25 वर्ष के आसपास थी | ओम बन्ना उस समय युवा अवस्था मे थे |
ओम बन्ना का परिवार
ओम बन्ना के बेटे का नाम महापराक्रम सिंह राठौड़ है | उनकी पत्नी का नाम उर्मिला कंवर है | तथा उनके पिताजी का नाम जोग सिंह जी राठोड है |

ओम बन्ना मंदिर कैसे पहुंचे
Om banna dham kaise pahunche. ओम बन्ना धाम पहुँचने के लिए अगर आप हवाई जहाज के माध्यम से आते है तो आपको जोधपुर या उदयपुर एयरपोर्ट पर उतर कर आपको बस, टैक्सी या कार के माध्यम से पहुँच सकते है | ओम बनना मंदिर जोधपुर और पाली के बीच 65 राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है | अगर आप जोधपुर के रास्ते आते है तो आप जोधपुर से टॅक्सी भी कर सकते है | और अगर आप उदयपुर के रास्ते आते है तो आप पाली होते हुए चोटिला ओम बन्ना (Om Banna) धाम पहुँच सकते है | आप ट्रेन के माध्यम से भी यहा पहुँच सकते है |
जय श्री ओम बन्ना सा री |
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